भोपाल, 23 अप्रैल 2025 ग्रामीण रोजगार को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता एक बार फिर सामने आई जब मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद की छठवीं कार्यकारिणी समिति बैठक का आयोजन अरेरा हिल्स स्थित विकास भवन में किया गया। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता पंचायत, ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने की।
बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्रीमती राधा सिंह भी शामिल रहीं। उन्होंने विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और कहा कि मनरेगा के तहत हर हाथ को काम देने के संकल्प को सरकार पूरी गंभीरता से पूरा कर रही है।
तकनीकी उन्नयन और निगरानी व्यवस्था पर जोर
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि मनरेगा की क्वालिटी मॉनिटरिंग के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा अपनाई जा रही प्रक्रिया को ही अपनाया जाए।
साथ ही उन्होंने विभाग को उन्नत तकनीक का उपयोग कर GIS लैब स्थापित करने के निर्देश दिए। बैठक में रिमोट सेंसिंग, GIS और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को विभाग में लागू करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक जिले में एक ही लैब संचालित की जाए और जिन जिलों में पहले से उन्नत लैब मौजूद हैं, उन्हें अपग्रेड कर संभाग स्तरीय लैब बनाया जाए। इससे बजट का बेहतर उपयोग होगा और अन्य जनहित कार्यों को भी बल मिलेगा।
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रोजगार सृजन का लक्ष्य और अब तक की प्रगति
बैठक में मनरेगा की भौतिक और वित्तीय प्रगति की समीक्षा करते हुए मंत्री श्री पटेल ने कहा कि वर्ष 2025 में मनरेगा के तहत 15 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है।
इसके लिए अधिकारियों को शीघ्र कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने जल गंगा संवर्धन अभियान के दौरान 5 करोड़ मानव दिवस सृजित कर जरूरतमंदों को काम उपलब्ध कराने की बात भी कही।
अधिकारियों ने बताया कि अब तक लगभग 42 लाख रोजगार दिवस सृजित किए जा चुके हैं।
सेवा शर्तों और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की समीक्षा
बैठक में मंत्री श्री पटेल ने ग्राम रोजगार सहायक की सेवा शर्तों, कार्यरत अमले को अतिरिक्त प्रभार देने, संविदा अधिकारी/कर्मचारी की नवीन सेवा शर्तों, स्टेट क्वालिटी मॉनीटर्स के इमपैनलमेंट और विधि परामर्शदाता की सेवाएं लेने जैसे विषयों पर भी समीक्षा की।
इन सभी पहलुओं पर चर्चा कर यह सुनिश्चित किया गया कि योजना का संचालन और क्रियान्वयन और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और जनहितकारी बने
मनरेगा योजना 2025 के तहत मध्यप्रदेश में सरकार का फोकस तकनीकी उन्नयन, पारदर्शिता और ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन पर है। बैठक में लिए गए निर्णय इस बात को स्पष्ट करते हैं कि सरकार इस योजना को लेकर पूरी तरह सक्रिय और सजग है।