आज के बदलते दौर में कौशल विकास (Skill Development) ही वह रास्ता है, जो किसी भी व्यक्ति को आत्मनिर्भर बना सकता है। इसी सोच के साथ भारत सरकार ने PMVIKAS योजना (प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन योजना) शुरू की है, जिसका उद्देश्य है अल्पसंख्यक समुदायों को हुनरमंद बनाकर सशक्त करना।यह योजना न केवल रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देती है, बल्कि परंपरागत कारीगरी और विरासत को भी संरक्षित करती है।
PMVIKAS (Pradhan Mantri Virasat Ka Samvardhan Yojana) एक केंद्रीय योजना है, जो मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी और जैन जैसे अल्पसंख्यक समुदायों के कारीगरों, दस्तकारों और श्रमिकों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है। इसका मुख्य उद्देश्य है पारंपरिक और आधुनिक कौशल का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना।
योजना के मुख्य उद्देश्य
- हुनर के ज़रिए सशक्तिकरण
- परंपरागत कारीगरों को समर्थन देना
- रोजगार और आय के अवसर पैदा करना
- स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देना
किसे मिलेगा लाभ?
यह योजना 18 से 45 वर्ष के अल्पसंख्यक युवाओं, विशेषकर महिलाओं, दस्तकारों, बेरोजगारों और पारंपरिक कारीगरों के लिए है। अगर आप बुनाई, कढ़ाई, टेलरिंग, ब्यूटीशियन, इलैक्ट्रिशियन, मोबाइल रिपेयरिंग, या अन्य किसी कौशल में रूचि रखते हैं — तो यह योजना आपके लिए वरदान साबित हो सकती है।
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योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ
- फ्री स्किल ट्रेनिंग (निःशुल्क प्रशिक्षण)
- प्रशिक्षण के दौरान वजीफ़ा
- प्रशिक्षण पूरा करने पर टूलकिट
- स्वरोजगार शुरू करने में मार्गदर्शन
- बैंकों से आसान ऋण और मुद्रा योजना से जोड़ाव
च्छुक लाभार्थी निम्न माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं:
- नज़दीकी स्किल डेवलपमेंट सेंटर पर जाकर
- कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) से
- अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज़:
- आधार कार्ड
- अल्पसंख्यक समुदाय प्रमाण पत्र
- शिक्षा योग्यता प्रमाण पत्र
PMVIKAS योजना सिर्फ एक प्रशिक्षण योजना नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सशक्त कदम है। यह न केवल हुनर बढ़ाती है, बल्कि जीवन को एक नई दिशा देती है।यदि आप भी अपने हुनर को पहचानना चाहते हैं और खुद का रोजगार शुरू करना चाहते हैं, तो PMVIKAS योजना आपके लिए सुनहरा अवसर है।