अब बच्चे सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहेंगे। दिल्ली के स्कूलों में अब बच्चे बिज़नेस करना भी सीखेंगे, और वो भी कक्षा 7 से ही। जब मैंने पहली बार ये खबर पढ़ी, तो सच कहूं – मुझे खुद थोड़ा हैरानी भी हुई और खुशी भी। सोचिए, जिस उम्र में हम “बनिया कौन होता है” ये समझ रहे थे, अब बच्चे खुद के स्टार्टअप का सपना देख रहे हैं।
आज के दौर में सिर्फ अच्छी जॉब पाना ही सब कुछ नहीं है। दुनिया तेजी से बदल रही है। अब बच्चों को ऐसा माइंडसेट देना ज़रूरी हो गया है, जिससे वो खुद सोच सकें, फैसले ले सकें, और अपनी पहचान बना सकें। दिल्ली सरकार ने इसी सोच के साथ स्कूलों में ‘Entrepreneurship Mindset Curriculum’ शुरू किया है।
क्लास में क्या होता है?
ये कोई बोरिंग लेक्चर नहीं होता। यहां बच्चों से सवाल पूछे जाते हैं, कहानियां सुनाई जाती हैं, और उनके आइडिया पर चर्चा होती है। कोई बच्चा कहता है – “मैं चाय की दुकान खोलूंगा, लेकिन उसमें बुक्स भी रखूंगा”, तो टीचर कहता है – “वाओ! अच्छा आइडिया है, नाम क्या सोचा?”
यहां बच्चे सिर्फ बिज़नेस सीखते नहीं, सोचते हैं, सवाल करते हैं, और खुद से रास्ते निकालते हैं।
मार्क्स नहीं, माइंडसेट मायने रखता है
सबसे अच्छी बात ये है कि इस कोर्स में कोई परीक्षा नहीं है। कोई नंबर नहीं, कोई कॉम्पिटिशन नहीं। बस ये समझना है कि “मैं क्या कर सकता हूं, और कैसे कर सकता हूं?” छोटे-छोटे प्रोजेक्ट्स, टीमवर्क, डिस्कशन – ये सब मिलकर बच्चों के अंदर वो आत्मविश्वास भरते हैं, जो आमतौर पर स्कूल की पढ़ाई नहीं दे पाती।
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कुछ बच्चों ने तो स्टार्टअप भी शुरू कर दिए
आपको जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली के कुछ स्कूलों में बच्चों ने छोटी-मोटी चीज़ें बनाकर बेचना भी शुरू कर दिया है – किसी ने राखी बनाई, किसी ने पेपर बैग, और किसी ने चाय में नया ट्विस्ट दिया।
इन बच्चों ने ना सिर्फ कमाया, बल्कि सीखा भी – ग्राहक क्या सोचता है, दाम कैसे तय होते हैं, और टीमवर्क कितना जरूरी है।
एक पैरेंट के तौर पर मेरा अनुभव
मेरी भतीजी अभी 8वीं में है। पिछले महीने उसने मुझसे पूछा – “अगर मैं स्कूल में झोले बनाकर बेचूं तो क्या कोई खरीदेगा?” मैंने कहा – “क्यों नहीं, अगर तेरा आइडिया अच्छा है तो जरूर!”
उसकी आंखों में जो चमक थी, वही असली सीख है।
मुझे लगता है ये पहल सिर्फ एक कोर्स नहीं, एक सोच है। अगर हम बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान देने की बजाय जिंदगी के लिए तैयार करें, तो वो असल में कुछ बड़ा कर सकते हैं।बिज़नेस गुरुमंत्र देना एक कदम है – एक ऐसे भारत की तरफ, जो सिर्फ नौकरी देने वाला नहीं, नौकरी बनाने वाला भी बने।
FAQs
Q1. यह बिज़नेस गुरुमंत्र किस कक्षा के छात्रों को मिलेगा?
यह प्रोग्राम दिल्ली सरकार द्वारा कक्षा 7 से 12 तक के छात्रों के लिए शुरू किया गया है।
Q2. क्या इसमें बच्चों को कोई किताब या नोट्स मिलते हैं?
इसमें कोई भारी-भरकम किताबें नहीं दी जातीं। बच्चों को एक्टिविटी-बेस्ड लर्निंग, स्टोरीज़, और रियल लाइफ इक्ज़ाम्पल्स के ज़रिए सिखाया जाता है।